नई दिल्ली । कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार पर बनी फिल्म ‘दि कश्मीर फाइल्स’ को लेकर मामला शांत होने के बजाए लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस फिल्म को लेकर जारी सियासत के बीच, जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के जामा मस्जिद के मौलवी फारूक ने ‘दि कश्मीर फाइल्स’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए भड़काऊ बयानबाजी की है।
मौलाना फारूक ने कहा कि फिल्म में मुसलमानों के खिलाफ साजिश की गई है। मौलाना ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि इस फिल्म के जरिए एक दीवार खड़ी करने की कोशिश की जा रही है। मौलाना ने कहा कि फिल्म के जरिए हिंदू-मुस्लिमों को लड़ाकर सियासत करने की कोशिश की जा रही है।
मौलवी फारूक ने कहा कि समाज को बांटने के लिए आज एक फिल्म बना दी गई है। उन्होंने कहा कि सैकड़ों कश्मीरी मुस्लिम मारे गए लेकिन उनका कोई जिक्र ही नहीं हो रहा है। कश्मीरी मुस्लिमों के दु:ख-दर्द को भुला दिया गया है। जामिया मस्जिद के मौलवी ने कहा, “हम अमनपसंद लोग हैं, हमने इस मुल्क पर 800 सालों तक हुकूमत की है, इन लोगों तो ने 70 साल शासन किया है, लेकिन हमारी पहचान को मिटाना मुमकिन नहीं है। तुम मिट जाओगे लेकिन हम नहीं मिटेंगे।'
‘दि कश्मीर फाइल्स‘ का हवाला देते हुए मौलवी ने कहा कि 32 सालों के बाद कश्मीरी पंड़ितों का खून नजर आया लेकिन कश्मीरी मुसलमानों के दर्द को कोई नहीं समझ रहा है। मौलवी फारूक ने मस्जिद के अंदर लोगों को संबोधित करते हुए कहा, '32 सालों में न जाने कितने मुस्लिम मारे गए, औरतें विधवा हो गईं, उनके घर उजड़ गए लेकिन उन्हें उन कश्मीरी मुसलमानों का खून नजर नहीं आया क्योंकि वह कलमा पढ़ने वालों का खून था।'