धर्म आस्था भक्ति विश्वास का पावन पर्व माघी पूर्णिमा पर त्रिवेणी संगम चित्रोत्पला गंगा में पुण्य स्नान के साथ शिवरीनारायण के माघी मेले की शुरुआत हुई। माघी मेला इस बार 16 फरवरी से 15 दिवस तक चलेगा। लोग सुबह से ही पुण्य स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में शबरी की नगरी पहुंचने लगे थे। जगह-जगह श्रद्धालुओं की भीड़ महानदी के घाटों में दिखाई पड़ रही थी। महानदी ने मुख्य घाटों राम घाट, बावा घाट, साव घाट, पचरी घाट, शिव घाट, खसामा घाट, रपटा घाट, डोंगाघाट, बैराज पास आदि जगहों पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ पुण्य स्नान का लाभ करने उमड़ी थी। त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान सूर्य को अघ्र्य एवं दीपदान करने के बाद श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ जी का आशीर्वाद प्राप्त करने मंदिर पहुंचे। 
माघी पूर्णिमा के दिन मंदिर में लगने वाली भीड़ को देखते हुए हर साल की तरह इस साल भी भक्तों के लिए रेलिंग लगाई गई थी जिसमें भक्त जन लाइन में लग कर भगवान जगन्नाथ जी का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे थे। भगवान शिवरीनारायण का आकर्षक श्रृंगार किया गया साथ ही साथ मंदिर परिसर को आकर्षक लाइट, रंग बिरंगे पुष्पों से सजाया गया है।श्रद्धलुओं ने मंदिर दर्शन करने के बाद मेले में जम कर खरीददारी की। मेले में झूला, मौत का कुआं, टूरिंग टाकीज, सर्कस, जनरल स्टोर्स, कपड़ा दुकान, बर्तन दुकान, सोना-चांदी दुकान, हॉटल, ओखरा दुकान आदि प्रतिष्ठान स्थित हैं। इन दुकानों में लोगो ने अपनी अपनी जरूरत की चीजों का क्रय करते हैं माघी पूर्णिमा के दिन भगवान शिवरीनारायण को ओखरा का भोग लगाने की परंपरा है।