नई दिल्ली । 10 साल बाद देश को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मिलेगा। 2014 से अभी तक यह पद खाली था। मगर इस बार कांग्रेस के पास पर्याप्त सीटें हैं। पिछले 10 साल कांग्रेस के सभी सांसदों की संख्या कुल लोकसभा सदस्यों के 10 प्रतिशत से कम थी। मगर यह कोई पहली बार नहीं हुआ जब नेता प्रतिपक्ष का पद खाली रहा हो। देश में ऐसा आठ बार हो चुका है। पंडित जवाहर लाल नेहरू के सामने विपक्षी दलों को नेता प्रतिपक्ष बनाने का मौका नहीं मिला। पहली, दूसरी और तीसरी लोकसभा में यह पद खाली रहा है। चौथी लोकसभा में राम सुभाग के रूप में पहली बार देश को नेता प्रतिपक्ष मिला था। यह पद पांचवीं, सातवीं, आठवीं लोकसभा में भी खाली रहा। 2014 में 16वीं और 2019 में 17वीं लोकसभा में भी विपक्षी दल नेता प्रतिपक्ष नहीं बना सके। 18वीं लोकसभा में पहली बार विपक्ष को नरेंद्र मोदी के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने का मौका मिला है। कुल आठ बार लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी को 240 सीटें मिली हैं। हालांकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन  को 292 लोकसभा सीटों के साथ पूर्ण बहुमत मिला है। कांग्रेस को 99 सीटों पर जीत मिली है। 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 52 सीटों पर ही कब्जा जमा पाई थी। मगर इस बार उसके पास नेता प्रतिपक्ष के लिए पर्याप्त सीटों का आंकड़ा है।