दिल्ली में वाहनों का चालान नहीं भरने वालों के खिलाफ अब परिवहन सख्ती करने की तैयारी कर रहा है। जिस वाहनों के चालान लंबित हैं या जिन्होंने चालान लंबे समय तक नहीं भरे हैं। उन्हें पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट यानी पीयूसीसी और परमिट जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज नहीं दिए जाएंगे। इसके लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पास ये प्रस्ताव भेजा था। अब दिल्ली सरकार के पास मोटर वाहन नियम में संशोधन के लिए प्रस्ताव आगे बढ़ाया दिया गया है। जानकारी के अनुसार प्रस्ताव में ऐसे व्यावसायिक वाहन चालकों के स्वास्थ्य संबंधी सर्टिफिकेट देने पर भी रोक लगाने की मांग की गई है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों के अनुसार हर साल बड़ी संक्या में वाहन मालिक चालान नहीं भरते हैं। इसे देखते हुए नियमों में सख्ती बरतने का फैसला लिया गया है। साल 2021 के आंकड़ों के अनुसार कुल किए चालान में से सिर्फ 10 फीसदी ने ही चालान भरे हैं। बाकी चालान लंबित हैं।

ट्रैफिक पुलिस के अनुसार पिछले साल कुल 50,91,592 नोटिस एसएमएस, पोस्ट के माध्य से रेड लाइट जंपिग, ओवर स्पीडिंग, स्टॉप लाइन के चालान किए गए। इनमें से केवल 5,71,479 वाहन मालिकों ने ही चालान भरे हैं। अब तक परिवहन विभाग ने पंजीकरण प्रमाणपत्र के नवीनीकरण के समय मोबाइल नंबर का लिंकेज, पीयूसीसी प्राप्ता करते समय मोबाइल नंबर देने की अनिवार्यता, इलेक्ट्रॉनिक रूप में चालान जारी करने और भुगतान करने की प्रक्रिया, जारी चालान के संबंध में अधिकृत पुलिस अधिकारी उल्लंघन करने वाले को रोक सकता है, वहीं अगर किसी को लगता है कि उनका चालान गलत आया है या चालान के भुगतान के बाद भी ऑनलाइन नहीं हटा है या चालान से संबंधित कोई और शिकायत है को दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को मेल कर सकता है। इस मेल में शिकायतकर्ता को अपने वाहन और चालान नंबर समेत पूरी डिटेल के साथ जानकारी देनी होगी। इसके अलावा शिकायतकर्ता दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क कर सकते हैं।