प्रयागराज । माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने एक बार फिर से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का परिणाम जारी करने में रिकार्ड बनाया है। 12-12 दिनों में परीक्षा और मूल्यांकन का काम कराया गया। फिर 19 दिन तक लगातार काम करने के बाद शनिवार को शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव और सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने अंतिम परिणाम जारी कर दिया है। बोर्ड के सौ वर्षों के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि इतने कम समय में परिणाम जारी किया गया है।
यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिए 55,25,342 छात्र-छात्राओं ने पंजीकरण कराया था। परीक्षा की शुरुआत 22 फरवरी से हुई थी। इसमें हाईस्कूल 27,49,364 और इंटरमीडिएट के 24,52,830 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। कड़ी सुरक्षा के बीच परीक्षा कराई गई। परीक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती गई थी। परीक्षाओं के बीच अवकाश कम दिए गए थे। नौ फरवरी तक 12 कार्यदिवस में परीक्षा पूरी करा ली गई। बोर्ड की संख्ती के चलते 3,23,148 विद्यार्थी परीक्षा देने नहीं आए। इस तरह 52,02,194 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा समापन के बाद मूल्यांकन के लिए 259 केंद्र बनाए गए। मूल्यांकन केंद्रों पर कापियां पहुंचाई गई और 16 मार्च से इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई। हाईस्कूल की कापियों के मूल्यांकन के लिए 94,802 शिक्षक और इंटरमीडिएट के लिए 52,295 शिक्षकों को लगाया गया। मूल्यांकन के दौरान एक शिक्षक की हत्या हो गई थी। कई शिक्षक मूल्यांकन का बहिष्कार कर रहे थे। तब बोर्ड के अफसरों ने शिक्षकों से समन्वय बनाते हुए मूल्यांकन का काम जारी रखा और निर्धारित अवधि 30 मार्च तक काम पूरा करवा लिया। मूल्यांकन होने के बाद परिणाम तैयार करने का काम लगातार चला। बोर्ड के अफसर और कर्मचारी छुट्टी के दिन भी परिणाम तैयार करने में जुटे रहे। बोर्ड सचिव ने पिछले वर्ष से पहले परिणाम जारी करने का लक्ष्य रखा था और उसे पूरा भी किया। सचिव ने बताया कि पिछले वर्ष 25 अप्रैल को परिणाम आया था। इस बार उससे पांच दिन पहले परिणाम जारी कर दिया है। इसमें से हाईस्कूल के 24,62,026 और इंटरमीडिएट के 20,26,067 परीक्षार्थी सफल हुए हैं।