मेरठ से सटे सरधना थानाक्षेत्र के छुर गांव में पिता संजीव तालियान (50) द्वारा बेटे सचिन (27) की हत्या की वारदात से हर कोई हैरान है। हत्याकांड का खुलासा मां मुनेश देवी की तहरीर के बाद हुआ। 26 अगस्त को सचिन की मां ने गुमशुदगी की तहरीर देते हुए पति पर शक जताया था। इसके बाद पुलिस ने संजीव को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरा मामला खुल गया थाना प्रभारी रमाकांत पचौरी ने बताया कि संजीव तालियान अपने बेटे सचिन को रास्ते से हटाने के बाद दूसरी शादी करने की तैयारी में था। पुलिस की जांच में सामने आया कि संजीव ने कुछ संपत्ति खरीदी थी, जो अवैध संबंधों में एक महिला के बच्चों के नाम कर दी। जिस कारण सचिन और मुनेश का परिवार में कलह बढ़ती जा रही थी। कुछ दिन पहले भी सचिन पर रास्ते में गाड़ी चढ़ाकर हत्या करने का प्रयास किया था। सचिन एक ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी में डिलीवरी पहुंचाने का काम करता था। बीमारी मां के साथ पिता से अलग गांव में रह रहा था। 22 अगस्त को अमित मां को देखने अस्पताल गया था। रास्ते से ही वह लापता हो गया था। 

मां बोली-मेरा तो सब कुछ खत्म हो गया

नदी से सचिन का शव निकालकर पुलिस ने उसकी मां से शनाख्त कराई। बेटे का गला-सड़ा शव देख मां बदहवास होकर गिर पड़ी। यही कहती रही कि मेरा लाल चला गया अब मेरा ख्याल कौन रखेगा। मेरा तो सबकुछ खत्म हो गया। 

हत्या से पहले होटल में खाया था खाना 

सचिन की हत्या के लिए पिता ने गांव के ही अमित को पांच लाख की सुपारी दी थी। वारदात वाले दिन अमित ने सचिन को झांसे में लिया और मेरठ के एक होटल में खाना खिलाया। फिर अमित और सचिन मेरठ करनाल हाईवे से भूनी पहुंचे और एक शराब की बोतल खरीदी। शराब पीने के बाद बेहोश होने पर अमित ने व्हाट्सएप कॉल कर संजीव को बुला लिया। वहां पहुंचकर दोनों ने ईंट से वार किया और गमछे से गला दबाकर हत्या की। 

वर्ष 2015 में भी जेल जा चुका है अमित

पुलिस के अनुसार अमित (30) पहले भी एक हत्या के मामले में 2015 में जेल जा चुका है। सचिन की हत्या के बाद संजीव और अमित ने रिश्तेदारों को फंसाने की कोशिश की। मोबाइल को बिटावदा में गोबर के ढेर में दबा दिया था। हिंडन नदी के आसपास बागपत और बुढ़ाना क्षेत्र में सचिन की कई रिश्तेदारी हैं। ऐसे में रिश्तेदारों पर शक जाए, इसको देखते हुए मोबाइल बायवाला के पास छिपा दिया। बाइक और शव अलग-अलग फेंक दिए। बाइक की नंबर प्लेट तोड़कर जमीन में दबा दी।