अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सच्ची महिला की हकीकत कहानी

आज हमारे सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं जिसमें सबसे बड़ी लिंगानुपात है। इसे बराबर करने में प्रत्येक महिला एवं पुरूष की बराबर भागीदारी है। महिलाओं के प्रति समाज में अच्छी सोच बनाने के लिए आवश्यक है कि महिलाओं की सफलता की कहानियों को जन-जन तक पहुंचाया जाए ।आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ऐसी कहानी आपके बीच लेकर आए हैं । राजगढ़ जिले के सारंगपुर तहसील के ग्राम पंचायत पांदा गांव मे पदस्थ शिक्षिका  सरिता शर्मा की है । कहते है कि नारी शक्ति यदि ठान ले तो वह असंभव कार्य को भी संभव कर दिखाती है। नारी केवल घर ही नहीं अपने कार्य स्थल को भी सुंदर एवं आकर्षक बना सकती है। आवश्यकता है तो केवल दृढ़ इच्छा शक्ति की ।वह अपनी पहचान स्वयं बना सकती है जिससे वह समाज एवं छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है

*अपने दृढ़ इच्छा शक्ति से कैसे बदली महिला शिक्षिका ने विद्यालय की तस्वीर*

राजगढ़ जिला के सारंगपुर तहसील की ग्राम पंचायत पान्दा हाई स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका डॉक्टर सरिता शर्मा ने अपने रचनात्मक कार्यों से विद्यालय के वातावरण में परिवर्तन किया है शिक्षिका के कार्य इतने प्रभावशाली हैं कि उससे गांव में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावक भी प्रशंसा करते नहीं रुकते । शिक्षिका डॉक्टर सरिता शर्मा ने अपने व्यय से छात्र-छात्राओं के लिए पुस्तकालय संचालन प्रारंभ करवाया ।विद्यालय के अंदर पड़े अनुपयोगी सामग्री से प्रांगण को सुसज्जित करने का कार्य भी किया है। विद्यालय के परिसर में पौधारोपण करना रंग-बिरंगे चित्रों के माध्यम से देशभक्ति के भाव छात्रों के बीच जागृत करना ।अनुपयोगी पत्थरों पर प्रांगण में लोक कलाओं के चित्र अंकित कर प्रांगण को सुसज्जित किया है ।वर्तमान के समय में पर्यावरण ऊर्जा एवं जल संरक्षण को सुरक्षित रखने के लिए प्रांगण में चित्रों के माध्यम से उनके बचाव का संदेश भी दिया है। स्कूल के प्रांगण में इन सब चित्रों को जब छात्र-छात्राएं देखते हैं तो उनके प्रति कर्तव्य भाव की भावना उत्पन्न होती है। खेल-खेल में गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा को जोड़ने का प्रयास भी डॉक्टर सरिता शर्मा ने किया है। 


*शिक्षिका अपने इन कार्यों का श्रेय संस्था के प्राचार्य श्री रघुनाथ सिंह नागर के मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन को देती हैं ।उन्होंने ग्रामीण जनों के विद्यालय के प्रति सहयोग की भी जानकारी दी।शिक्षिका ने अध्ययन के साथ स्वच्छता,नवाचार,शैक्षणिक गुणवत्ता,में स्कूल को अग्रणी बनाया ,आज शिक्षा के नाम पर मोटी तनख्वाह लेने वाले शिक्षको,के लिए यह के उदाहरण बनेगी।