वैश्विक जीडीपी की तरह भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त होने की आशंका है। हालांकि, महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्रालय ने सोमवार कहा कि देश के सामने निकट भविष्य में वृद्धि को बनाए रखना, राजकोषीय घाटे का प्रबंधन, महंगाई और चालू खाता घाटे को काबू में करने की चुनौतियां हैं। हालांकि, भारत अन्य देशों के मुकाबले इन चुनौतियों से निपटने को लेकर बेहतर स्थिति में है।मंत्रालय ने मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा, विकासशील देश ऐसी ही चुनौतियों से जूझ रहे हैं। भारत उनमें बेहतर स्थिति में है। इसकी वजह वित्तीय क्षेत्र में स्थिरता और कोविड टीकाकरण की सफलता है। अर्थव्यवस्था 2021-22 में कोरोना पूर्व स्तर से बाहर आ गई। पिछले वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी की वृद्धि दर 8.7% रही, जो 2019-20 से 1.5% अधिक है। भारत की वृद्धि संभावना मजबूत है। मौजूदा दशक की बची अवधि में पूंजी निर्माण और रोजगार सृजन में तेजी की उम्मीद है।