आरबीआई के कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि फ्रॉड रजिस्ट्री’ की मदद से धोखाधड़ी वाली वेबसाइट, फोन नंबर, विभिन्न तरीकों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इस डाटाबैंक से जालसाज दोबारा धोखाधड़ी नहीं कर सकेंगे क्योंकि इन वेबसाइट या फोन नंबरों को ब्लॉक कर दिया जाएगा। 
बैंकिंग धोखाधड़ी रोकने और ग्राहकों के सुरक्षा के उपायों को मजबूत करने के तहत आरबीआई ‘फ्रॉड रजिस्ट्री’ (धोखाधड़ी पंजीयक) की स्थापना पर विचार कर रहा है। इसकी मदद से धोखाधड़ी वाली वेबसाइट, फोन नंबर, विभिन्न तरीकों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा।
आरबीआई के कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार शर्मा ने सोमवार को कहा कि इस डाटाबैंक से जालसाज दोबारा धोखाधड़ी नहीं कर सकेंगे क्योंकि इन वेबसाइट या फोन नंबरों को ब्लॉक कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस समय हम भुगतान, निपटान व पर्यवेक्षण जैसे आरबीआई के विभिन्न विभागों सहित सभी हितधारकों से बात कर रहे हैं। भुगतान प्रणाली के प्रतिभागियों को इस डाटाबेस तक सीधी पहुंच दी जाएगी। हालांकि, फ्रॉड रजिस्ट्री’ की स्थापना के लिए कोई निश्चित समय-सीमा तय नहीं है।