अंधविश्वास बना हत्या का कारण: नरसिंहगढ़ पुलिस द्वारा अंधे कत्ल का पर्दाफाश

एक उच्च शिक्षा प्राप्त आधुनिक युग के नौजवान ने अंधविश्वास और काला जादू करने की आशंका में एक बुजुर्ग व्यक्ति की हत्या कर दी। इस मामले का खुलासा नरसिंहगढ़ पुलिस ने किया है। श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय, राजगढ़, आदित्य मिश्रा (IPS) द्वारा जिले के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए थे कि वे क्षेत्र में होने वाली गंभीर घटनाओं का शीघ्र खुलासा करें, ताकि पीड़ितों को त्वरित न्याय मिल सके।
श्रीमान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय, राजगढ़, आलोक शर्मा एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस नरसिंहगढ़, श्री उपेंद्र सिंह भाटी के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसने इस मामले की गहन विवेचना की और सफलता प्राप्त की।
**घटना का विवरण:**
थाना नरसिंहगढ़ को सूचना मिली थी कि ग्राम पाडल्या बना में एक बुजुर्ग व्यक्ति की लाश रोड किनारे मृत अवस्था में पाई गई। प्रथम दृष्टया हत्या का मामला सामने आया। मृतक का नाम लक्ष्मण सिंह पिता नंदराम वर्मा था, जो पाडल्या बना के निवासी थे। उनके परिजनों ने शव की पहचान की और पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर मर्ग कायम किया। हत्या का मामला अपराध क्रमांक 81/25 धारा 103(1) BNS के तहत पंजीबद्ध किया गया और विवेचना की गई।
चूंकि यह घटना गंभीर प्रकृति की थी, पुलिस ने गहनता से हर पहलू पर विवेचना की और घटना में प्रयुक्त नुकीली लकड़ी (जो खूंटे के समान थी) को आरोपी द्वारा बताए गए स्थान से जप्त किया।
गिरफ्तार आरोपी
नाम धनराज पिता राम सिंह सूर्यवंशी
उम्र 23 वर्ष
निवासीग्राम पाडल्या बना, थाना नरसिंहगढ़, जिला राजगढ़
घटना का कारण
आरोपी धनराज ने मृतक लक्ष्मण सिंह वर्मा पर अंधविश्वास और काला जादू करने का आरोप लगाया था, जिससे उसे और उसके परिवार को नुकसान पहुँचने की आशंका थी। इसी कारण उसने बुजुर्ग व्यक्ति की हत्या कर दी।
घटना का विवरण
2 मार्च 2025 को लगभग 8:30 से 9:00 बजे के बीच आरोपी धनराज अपने निजी कुएं से शासकीय कुएं में मोटर चलाकर पानी भर रहा था। इसी दौरान मृतक लक्ष्मण सिंह ने आरोपी को अपशब्द कहकर टोका, जिससे आरोपी के अंधविश्वासी विचारों में आग लग गई। पहले से काले जादू करने की आशंका से रंजिश रखने के कारण धनराज ने लकड़ी से बुजुर्ग के गले में गंभीर रूप से वार करके उसकी हत्या कर दी।
अधिकारियों एवं पुलिसकर्मियों की भूमिका
इस मामले की सफलता में थाना प्रभारी नरसिंहगढ़ निरीक्षक शिवराज सिंह चौहान, उप निरीक्षक राजेंद्र गुर्जर, उप निरीक्षक अभय सिंह, उप निरीक्षक जगदीश गोयल, सहायक उप निरीक्षक मनोहर साहू, प्रधान आरक्षक केशव सिंह, प्रधान आरक्षक दीपक यादव, प्रधान आरक्षक हृदेश, आरक्षक धर्मेंद्र रघुवंशी, आरक्षक सुनील मीणा, प्रधान आरक्षक प्रताप, आरक्षक गजेन्द्र, आरक्षक जगन यादव, आरक्षक बलराम, आरक्षक विकास, महिला आरक्षक विनीता, महिला आरक्षक सोनिया, महिला आरक्षक मोनिका, और आरक्षक पवन मीणा, सायबर सेल राजगढ़ की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
यह पूरी कार्रवाई पुलिस की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है, जिससे न्याय की प्रक्रिया में तेजी आई और पीड़ित को न्याय दिलाने में मदद मिली।