नई दिल्ली । मौसम बदलने के साथ एनसीआर में प्रदूषण धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। इस वजह से शनिवार को भी प्रदूषण के स्तर में आंशिक बढ़ोतरी हुई। दिल्ली में लगातार दूसरे दिन हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रही। इसके अलावा गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रही। इस स्थिति में स्थानीय कारणों और वातावरण में धूल के कणों की भूमिका अधिक है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार अगले छह दिनों तक दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी रहेगी। सीपीसीबी की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली का एक्यूआइ 216 रहा, जोकि ‘खराब’ श्रेणी में है। एक दिन पहले दिल्ली का एक्यूआइ 212 था यानी चार अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई। दिल्ली के 36 प्रदूषण निगरानी केंद्रों में से 14 जगहों पर हवा की गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में रही। चार जगहों पर एक्यूआइ 300 के पार शादीपुर, वजीराबाद, बवाना और मुंडका में एक्यूआई 300 से अधिक रहा। इन सभी इलाकों का एक्यूआइ क्रमश: 318, 305, 309 और 347 रहा। इस वजह से इन इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही।  दिल्ली में वायु प्रदूषण के 13 हाट स्पाट हैं तो औद्योगिक कचरे के 164 चिह्नित किए गए हैं। इन जगहों पर अवैध रूप से औद्योगिक कचरा डंप किया जाता है। उसमें आग भी लगा दी जाती है। इसकी वजह से प्रदूषण बढ़ता है। सर्दियों के दौरान औद्योगिक कचरा जलाने की इन घटनाओं को कम करने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने ऐसी सभी जगहों की पहचान कर निगरानी बढ़ा दी है।