रक्तदान से बोन मैरो रहता है जवान, उम्र के प्रभाव पर लगती है लगाम
ग्वालियर । रक्तदान के फायदों को जानने का दिन है, क्योंकि कुछ लोग मानते हैं रक्तदान करने से शारीरिक कमजोरी आती है और बीमारियां भी घेर लेती हैं। उनकी यह सोच पूरी तरह से गलत है। रक्तदान करने से भविष्य में होने वाले एनीमिया से बचते हैं। शरीर का आलस, कमजोरी, थकावट और अनिद्रा जैसी परेशानियों से बचाव होता है। विषय विशेषज्ञों का तो यह भी मानना है नियमित रक्तदान करने से ह्दयघात की आशंका कम होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। रक्तदान करने से चेहरे पर ग्लो बना रहता है। यही नहीं यह बोन मैरो को जवान रखने का काम करता है और याददाश्त को मजबूत करता है। यही वजह है रक्तदान करने के लिए पुरुष ही नहीं अब तो महिलाएं भी तेजी से आगे आ रही हैं। विशेषज्ञों की मदद से हम आपको बता रहे हैं रक्तदान के फायदे, क्योंकि आपके रक्तदान से किसी गंभीर मरीज की जान बच सकती है। यहां बता दें इस बार विश्व रक्तदाता दिवस की थीम “खून दो, प्लाज्मा दो, जीवन साझा करो, अक्सर साझा करो” तय की गई है। रक्तदान से इस तरह होता लाभ: जयारोग्य अस्पताल की ब्लड बैंक प्रभारी डा़ ज्योति प्रियदर्शनी बताती हैं कि रक्तदाता के शरीर से जैसे ही 300 एमएल रक्त कम होता है वैसे ही शरीर का सूचना तंत्र यह जानकारी मस्तिष्क को भेजता है। मस्तिष्क इस कमी पूरी करने के लिए सूचना बोन मैरो को देता है। बोन मैरो रक्त की आपूर्ति के लिए रक्त बनाने का काम करने लगता है और 24 घंटे में कवर कर लेता है।
रक्तदान न करने से यह होता है नुकसान
डा़ प्रियदर्शनी बताती हैं कि बोन मैरो पर उम्र का प्रभाव पड़ता है। बचपन में बोन मैरो खून बनाने का काम तेजी से करता है। युवा अवस्था निकलने के बाद बोन मैरो (हड्डी के बीच का स्थान ज्मज्जाज्) में वसा जमा होने लगती है, जिससे रक्त बनना बंद हो जाता है। रक्त कोशिकाएं बनाने की क्षमता हड्डी के किनारों पर सीमित हो जाती है। इसलिए रक्त बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसलिए देखने में आता है कि उम्र बढ़ने के साथ लोगों को कमजोरी, थकावट, ह्दय संबंधी बीमारी, आलस, अनिद्रा, हीमोग्लोबिन की कमी, रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने जैसी समस्याएं आती हैं।
लंबे समय तक बने रहते हैं युवा
जेएएच के पैथालोजी प्रभारी डा़ अरुण जैन बताते हैं कि नियमित रक्तदान करने से बोन मैरो को हर बार रक्त बनाने का काम करना पड़ता है। इससे उसके अंदर वसा जमा नहीं हो पाती और खून बनाने की क्षमता बोन मैरो में बनी रहती है। जिससे उम्र के पड़ने वाले शरीर पर प्रभाव कम होते हैं और लंबे समय तक युवा बने रहते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहने से कई तरह की परेशानियों से बचे रहते हैं। मौका पड़ने पर हर साल रक्तदान करना चाहिए। इससे वह परेशानियां दूर रहती हैं। ब्लड डोनेशन से हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। एक नई रिसर्च के मुताबिक नियमित ब्लड डोनेट करने से कैंसर व दूसरी बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता हैं, क्योंकि सभी अंग स्वस्थ रहते हैं और क्रियाशील बने रहते हैं। इसलिए नियमित रक्तदान आपको स्वस्थ व युवा रखता है। शरीर का मेटाबालिज्म (चयापचय ) व्यवस्थित रहता है।
डा़ ज्योति प्रियदर्शनी, प्रभारी ब्लड बैंक, जयारोग्य अस्पताल
रक्तदान करने से स्वयं का कोई नुकसान नहीं होता। जरूरतमंद को रक्त उपलब्ध हो जाता है। गंभीर मरीज की जान बच जाती है। रक्त ही एक ऐसी वस्तु है, जिसे आर्टीफिशियल तैयार नहीं किया जा सकता। रक्तदान करने से मैं स्वस्थ भी रहता हूं, क्योंकि 24 घंटे में नया बन जाता है। इसलिए नियमित रक्त दान करता हूं। दूसरों को भी रक्तदान करना चाहिए।
आशीष अग्रवाल, व्यापारी
मैं जरुरत मंद के लिए रक्तदान जरूर करता हूं, न कि कैंप में जाकर दान करता हूं। अब तक करीब 24 बार रक्तदान कर चुका हूं। मैं जहां पर भी रहूं यदि वहां पर किसी को रक्त की आवश्यकता है तो मैं रक्त जरूर देता है। इसका वैज्ञानिक कारण भी है कि जब पुराना जाएगा तभी नया आएगा। इससे मैं चुस्त दुरुस्त भी रहता हूं। हर इंसान को रक्तदान करना चाहिए।
अंकुर अग्रवाल व्यापारी
रक्तदान से खुद का शरीर फिट रहता है। मैं अब तक 70 बार रक्तदान कर चुका हूं, क्योंकि हर बार शरीर में नया रक्त बनता है। यदि आप रक्तदान नहीं करते तब भी रक्त कोशिकाएं 120 दिन में मर जाती है। इससे अच्छा है कि रक्तदान करें और खुद को फिट रखें तथा दूसरों की मदद करें। युवाओं को भी मैं अधिक से अधिक बार रक्तदान करने प्रेरित करता हूं।
डा़ संजय पांडे प्रोफेसर, माधव कालेज