किसी फिल्म से कम नहीं है सीएम केजरीवाल की लव स्टोरी
नई दिल्ली । इन दिनों वैलेंटाइन वीक चल रहा है। लोग अपने प्रेमी-प्रेमिका को प्रपोज करने में जुटे हुए हैं। ऐसे में लोग यह भी जानने में जुटे हुए हैं कि आखिर उनके पसंदीदा शख्स ने किस तरह अपने प्यार का इजहार किया था। उन्होंने अपनी प्रेमिका को किस खास अंदाज में प्रपोज किया होगा। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी लव मैरिज की थी। उन्होंने भी अपने प्यार को एक खास अंदाज में इजहार किया था। उनकी लव स्टोरी भी किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। आइए जानते हैं आखिर उन्होंने अपने प्यार को किस तरह शादी में बदला था। अरविंद और सुनीता केजरीवाल की लव स्टोरी की शुरुआत आईआरएस की ट्रेनिंग के दौरान हुई थी। दोनों यूपीएससी की परीक्षा क्लियर करके नागपुर ट्रेनिंग के लिए पहुंचे थे। वहां दोनों की मुलाकात हुई और इस दौरान दोनों करीब आए। दोनों एक-दूसरे के साथ घंटों समय व्यतीत किया करते थे। हालांकि प्यार का इजहार करने के लिए अरविंद केजरीवाल हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। इस तरह महीनों बीत गए लेकिन दोनों एक-दूसरे को प्रपोज नहीं किया। एक दिन केजरीवाल ने हिम्मत जुटाकर सुनीता को अपने प्यार का इजहार कर दिया। इतना सुनते ही सुनीता ने हां कर दिया। यह सुन केजरीवाल चौंक गए। उन्होंने इतनी जल्दी प्रपोज स्वीकार करने के बारे में नहीं सोचा था। उन्हें लगा था कि सुनीता इसके लिए काफी समय लेगी। केजरीवाल ने एक बार कहा भी था कि मैंने एकेडमी में सुनीता को देखा और फिर प्रपोज कर दिया। इसके बाद उसने स्वीकर कर लिया। केजरीवाल के इस प्यार से दोनों परिवार को भी कोई ऐतराज नहीं हुआ। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों एक ही जाति से संबंध रखते थे। वहीं दोनों राजस्व सेवा के लिए चयनित हो गए थे। वहीं सुनीता अरविंद को काफी पसंद करती थी। क्योंकि वह चाहती थी कि उसका पति ऐसा हो, जो ईमानदार और जो देश सेवा में विश्वास रखता हो। वह एक कार्यक्रम में इसका जिक्र किया था कि केजरीवाल को वह इसलिए पसंद करती थी कि क्योंकि वह प्रारंभ से ही ईमानदार थे और उनमें सेवा की भावना शुरू से ही थी। इस तरह प्यार को परवान चढ़ने में कोई दिक्कत नहीं हुई। सुनीता केजरीवाल पति के हर फैसले में मजबूती से खड़ी रहती है। परिजनों की सहमति के बाद 1994 में अरविंद और सुनीता ने शादी कर ली। 1995 में ट्रेनिंग पूरा करने के बाद दोनों दिल्ली आ गए। शादी के एक साल बाद बेटी हर्षिता का जन्म हुआ। 2001 में उनके बेटे का जन्म हुआ। सुनीता अभी भी नौकरी में है, लेकिन केजरीवाल ने नौकरी छोड़ समाजसेवा में जुट गए। बाद में वे अन्ना आंदोलन के जरिए प्रसिद्धि हासिल की और फिर राजनीतिक पार्टी शुरू की।