नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने निर्माणाधीन सात अस्पतालों का काम रोक दिया है। इनमें से छह अस्पतालों का ढांचा तैयार हो चुका है। काम राेकने का कारण है कि अब अस्पतालों के अंदर के कार्य के लिए फिर से प्लानिंग हो रही है।

तीन साल पहले ये अस्पताल कोरोना महामारी को देखते हुए आइसीयू बेड के लिए बनाए जाने शुरू किए गए थे।यहां 6800 आईसीयू बेड बनने थे। मगर कोरोना महामारी समाप्त हो जाने के लिए अब इन्हें सामान्य अस्पताल की तरह चलाने की योजना बनाई गई है।

ऐसे में अस्पताल के अंदर की पूरी व्यवस्था बदल जाएगी। लोक निर्माण विभाग इस योजना पर काम कर रहा है। 2020 में इस योजना पर काम पर शुरू हुआ था।

गड़बड़ी के लगे हैं आरोप

बता दें कि ये वही सात कोरोना अस्पताल हैं, जिन्हें लेकर विवाद है। इनके टेंडर में गड़बड़ी के आरोप पर उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा काे जांच के आदेश दिए हैं।

2022 में भाजपा सांसद मनाेत तिवारी ने उपराज्यपाल को करी गई शिकायत में कहा था कि इन अस्पतालों के निर्माण के लिए दिल्ली कैबिनेट ने 1216 करोड़ की स्वीकृति दी थी, जबकि कंपनी को काम 1256 करोड़ का दिया गया है।

उन्होंने उस समय रहे लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता द्वारा सेवानिवृत्ति के दिन देर शाम कंपनी को काम दे देने पर भी सवाल उठाया था। उधर दिल्ली सरकार ने इस आरोप को बेबुनियाद और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की जांच को सरकार के काम रोकने वाला कार्य बताया था।

पांच अस्पतालों को जल्द पूरा होगा काम

इस परियाेजना पर काम कर रहे लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि परियोजना के तहत काम जारी रहेगा, इसे नहीं रोका जाएगा, क्योंकि एसीबी की ओर से ऐसे कोई राेक नही लगाई गई है। इनमें से पांच अस्पतालों का 90 से लेकर 95 प्रतिशत तक काम पूरा हो चुका है।

परियोजना के बीच आ रहे हरे पेड़ों को काटने की देर से मिली अनुमति के चलते रघुबीर नगर अस्पताल का देर से काम शुरू हो सका है।इसके चलते इसका अभी काफी काम बचा हुआ है।

अस्पतालों का खर्च 1256 करोड़

इन अस्पतालों पर 1256 करोड़ के करीब राशि खर्च हो रही है।अस्पतालों का जल्द निर्माण करने के लिए बहुमंजिला अस्पतालों के भवनों को आयताकार ट्यूब स्टील के ढांचे पर बनाया जा रहा है।

इन अस्पतालों में इमरजेंसी, ओपीडी व वार्ड सहित सभी सुविधाएं होंगी। इसके अलावा आक्सीजन टैंक का भी इंतजाम किया जाएगा।

किराड़ी में जिस कोरोना अस्पताल को अब तक तैयार हाे जाना था, इसका काम ही अभी तक शुरू नहीं हो सका है। इस कार्य में देरी का कारण जमीन से लगातार पानी आना है। इसे लेकर लोक निर्माण विभाग ने अब अस्पताल के निर्माण की तकनीक बदली है।

अब सामान्य फाउंडेशन की जगह पाइल के फाउंडेशन पर इमारत खड़ी की जाएगी।इसके लिए इमारत का अब बदल कर डिजाइन तैयार किया जा रहा है।

इस तकनीक का उपयोग दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन अपने रेल ट्रेन का ट्रैक बनाने के लिए पिलर बनाने में उपयोग में लाता है।जिसके तहत 15 से 20 मीटर जमीन के अंदर बोर कर पिलर के ऊपर फाउंडेशन बनाया जाएगा।

अस्पताल का नाम ICU बेड वर्तमान स्थिति
किराड़ी- 2.71 एकड़ 458 अभी काम शुरू नहीं हुआ
जीटीबी अस्पताल- 6.02 एकड़ 1912 48 प्रतिशत काम पूरा

रघुवीर नगर- 9 एकड़

 

1565 12 प्रतिशत काम पूरा

चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय- 2.32 एकड़

 

610 50 प्रतिशत

सुल्तानपुरी- 10 हजार

 

525 50 प्रतिशत

सरिता विहार- 2.7 एकड़

 

336 50 प्रतिशत

शालीमार बाग-11.5 एकड़

 

1430 50 प्रतिशत