मध्य प्रदेश चुनाव में जब जमीनी हालात पक्ष में नहीं है, तो गलत न्यूज और पैसे देकर सर्वे कराने का काम कांग्रेस कर रही है। हाल के दिनों में जिस प्रकार से कई सर्वे आए हैं, उससे तो यही लग रहा है। आम लोगों का कहना है कि कांग्रेस नेताओं की सभाओं में लोगों को लोभ देकर लाया जा रहा है। बावजूद इसके सभा स्थल पर कुर्सियां खाली रह जाती है। ऐसे में न्यूज चैनल्स को मोहरा बनाकर कांग्रेस फेक सर्वे करा रही है। सी वोटर के एक सर्वे को कांग्रेस अपने सोशल मीडिया पर वायरल करवा रही है, जबकि सी वोटर के मालिक यशवंत देशमुख पर कई साल पहले से ही पैसे लेकर सर्वे करने का आरोप लगता रहा है। स्टिंग ऑपरेशन में इसकी सच्चाई पूरा देश देख रहा है। 

2014 से गिरी हुई है सी वोटर की साख  
साल 2014 में एक न्यूज चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन किया था। सर्वे करने वालीं 11 कंपनियों ने स्टिंग ऑपरेशन के दौरान दिखाया गया कि इन कंपनियों में कुछ भी हो सकता है। न्यू एक्सप्रेस ने सी-वोटर, क्यूआरएस, ऑकटेल और एमएमआर जैसी सर्वे करने वाली कुल 11 बड़ी कंपनियों का स्टिंग ऑपरेशन किया था। स्टिंग ऑपरेशन में दिखाया गया है कि कंपनियों के अधिकारी पैसे लेकर आंकड़ों को इधर-उधर करने को राजी हो गए हैं। ये कंपनियां मार्जिन ऑफ एरर के नाम पर आंकड़ों में घालमेल करती हैं।

मध्य प्रदेश चुनाव में सी-वोटर ने ही दिखाई कांग्रेस को बढ़त
जमीनी सच्चाई से उलट सी वोटर ने एबीपी न्यूज के लिए सर्वे किया है। ओपिनियन पोल में सी वोटर ने कांग्रेस को भाजपा से आगे दिखाया है। हालांकि, कामकाज, सरकारी योजनाओं और मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा का ही पलड़ा भारी है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब अच्छा काम भाजपा ने किया, मुख्यमंत्री अच्छे भाजपा के, तो जनता भला कांग्रेस को भाजपा से आगे कैसे दिखा सकती है !