मिर्जापुर । सरकार की ओर से गेहूं की खरीद लक्ष्य को पूरा कराने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद हो जाने तक व्यपारी व आटा मिल के संचालक भंडारण नहीं कर सकेंगे। ‎नियमों को पालन नहीं करने पर लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। रबी विपणन वर्ष 2023-24 में गेहूं की खरीद लक्ष्य के मुकाबले महज 12 प्रतिशत हुई थी। इस वर्ष शासन लक्ष्य को पूरा कराने के लिए जुट गया है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा खरीद करने के लिए नियमों में बदलाव किए गए हैं। बता दें ‎कि बारिश नहीं होने की वजह से इस बार भी गेहूं की पैदावार प्रभावित हुई है। वहीं शासन की ओर से गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 रुपये तय किया गया है। गेहूं खरीद शत-प्रतिशत कराने के लिए नियमों में बदलाव हुआ है। इससे व्यपारी खरीद नहीं कर सकेंगे। वहीं आटा मिल संचालक भी तय लक्ष्य से ज्यादा गेहूं का भंडारण नहीं कर सकेंगे। बीते दिनों इसको लेकर निर्देश भी जारी किया गया है। अ‎धिकारी ने बताया कि आटा मिल मालिक भी सिर्फ प्रसंस्करण प्रयोजन के लिए ही गेहूं की खरीद करेंगे। आटा मिल मालिक के द्वारा गोदाम पर गेहूं उतरवाने की स्थिति में लाईसेंस निलंबित कर दिया जाएगा। खरीद पूरा होने तक व्यापारी को खरीद और बिक्री करने की अनुमति नहीं रहेगी। मिर्जापुर जनपद में विपणन वर्ष 2023-24 में 83 क्रय केंद्रों पर 72 हजार टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके मुकाबले महज 8732 टन गेहूं का खरीद हुआ था, जो लक्ष्य के मुकाबले महज 12.13 प्रतिशत था। 2250 किसानों ने गेहूं बिक्री की थी। 2024-25 में लक्ष्य को पूरा करने के लिए शासन- प्रशासन जुट गया है। इस बार बटाईदार के गेहूं बिक्री को लेकर नियमों में ढील दी गई है। मिर्जापुर जिले के 115 क्रय केंद्रों पर एक मार्च से गेहूं की खरीद शुरू हो गई है। खाद्य विभाग के 19, पीसीएफ के 22, यूपीएसएस के 20, नैफेड के 12, पीसीयू के 23, एनसीसीएफ के 13, भारतीय खाद्य निगम के चार और मंडी समिति के दो क्रय केंद्र बनाए गए हैं। गेहूं की बिक्री के लिए अब तक 55 सौ से अधिक किसान पंजीयन करा चुके हैं लेकिन अभी तक एक भी किसान ने गेहूं की बिक्री नहीं की है। ऐसा माना जा रहा है कि अप्रैल के पहले सप्ताह से खरीद तेज होगी।