नई दिल्ली । टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री और उनके मित्र जहांगीर पेंडोला की कार दुर्घटना में मौत की वजह से पीछे बैठे यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इस हादसे में आगे बैठे दो लोगों ने सीट बेल्ट बांध रखा था, जबकि पीछे बैठे साइरस मिस्त्री और उनके मित्र ने सीट बेल्ट नहीं बांध रखा था। इस हादसे में पीछे बैठे दोनों लोगों की मौत हो गई थी, जबकि आगे बैठे दोनों लोग जीवित बच गए थे। इस हादसे के बाद पिछली सीट पर बैठे लोगों के लिए सीट बेलट अनिवार्य किए जाने की मांग उठ रही है। इसी बीच सड़क परिवहन मंत्रालय ने रियर सीट बेल्ट के लिए अलार्म सिस्टम अनिवार्य रूप से लगाने के लिए कार निर्माताओं को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। इस ड्राफ्ट नोटिफिकेशन पर सार्वजनिक टिप्पणियों करने के लिए अंतिम तिथि 5 अक्टूबर है। इसके बाद सरकार इससे जुड़े नए नियमों को लाएगी।
जब मिस्त्री की मौत हुई तो पुलिस अधिकारियों का हवाला देते हुए स्थानीय मीडिया ने बताया था कि पीछे बैठे दोनों यात्रियों की सीट बेल्ट नहीं लगी हुई थी, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई थी। वहीं, सामने बैठे लोगों ने सीट बेल्ट लगाई थी, जिससे उनकी जान बच गई। इसके बाद से ही पीछे बैठे लोगों के लिए भी सीट बेल्ट लगाना जरूरी करने की बात कही जा रही हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि पीछे के बैठे लोगों के लिए सीट बेल्ट लगाने के नियम पहले से हैं, लेकिन इन पर कोई गौर नहीं करता। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 138 (3) सीएमवीआर 177 एमवी एक्ट के तहत पीछे बैठे यात्रियों को भी सीट बेल्ट लगाना जरूरी है और इसे न मानने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगता है। इंश्योरेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाईवे सेफ्टी (आईआईएचएस) की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी दुनिया में लगभग 90 प्रतिशत लोगों को नहीं पता है कि यात्रा के दौरान पीछे की सीट पर बैठे लोगों को भी सीट बेल्ट लगाना जरूरी है। इसी बात की जागरूकता फैलाने के लिए हाल में दिल्ली पुलिस ने इस नियम को तोड़ने वाले लोगों से चालान वसूलना शुरू किया। उस समय ट्रैफिक पुलिस ने कुल 700 लोगों से चालान काटे थे।