तेल अवीव । इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को एक इंटरव्यू में अल-शिफा अस्पताल में इजराइली सेना की घुसपैठ की वजह बताई। उन्होंने कहा- हमें काफी मजबूत संकेत मिले थे कि हमास ने कुछ बंधकों को अस्पताल में छिपाया है।
नेतन्याहू ने बताया कि बंधकों के बारे में इजराइली इंटेलिजेंस को जानकारी मिली थी। हालांकि, प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि इजराइली सेना की घुसपैठ से पहले ही हमास ने बंधकों को अल-शिफा अस्पताल से निकाल कर कहीं और शिफ्ट कर दिया। वहीं, आईडीएफ ने बताया है कि अल-शिफा अस्पताल के पास की एक इमारत से किबुत्ज बेरी से बंधक बनाई गई 65 साल की महिला का शव मिला है। महिला का नाम यहूदित वीज बताया गया है। आईडीएफ को उसके शव के पास से एके-47 जैसे हथियार भी मिले हैं।
हमास का टनल नेटवर्क टेक्नोलॉजी के सामने कमजोर
इजराइली अखबार ‘यरुशलम पोस्ट’ की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हमास के टनल नेटवर्क को लेटेस्ट वॉर टेक्नोलाजी के इस्तेमाल से तबाह किया जा रहा है। इसमें मैपिंग रोबोट और ब्लास्ट जेल भी शामिल हैं। दूसरी तरफ, इजराइली एयरफोर्स ने पहली बार कबूल किया है कि उसने गाजा में अब तक हजारों हमास आतंकी ढेर किए हैं।
टनल खोजना मुश्किल काम
कुछ मीडिया रिपोट्र्स में बताया गया है कि इजराइल डिफेंस फोर्सेस (आईडीएफ) के सामने गाजा पर हमले के बाद सबसे बड़ी चुनौती ही यही थी कि हमास के टनल नेटवर्क का पता कैसे लगाया जाए। बाद में मैपिंग टेक्नोलॉजी और इसके बाद मैपिंग रोबोट का इस्तेमाल किया गया। इसके उपयोग से बहुत सफलता मिली। इन टनल्स में सीधा घुसना खतरे से खाली नहीं था। लिहाजा, इजराइली सेना ने ब्लास्ट जेल का इस्तेमाल करना शुरू किया। कम से कम तीन एंट्रेंस का पता इसी तकनीक से लगाया गया और बाद में इस पूरे नेटवर्क तो तबाह कर दिया गया। एक इजराइली अफसर ने कहा- टनल नेटवर्क का पता लगाना और फिर उसे खत्म करना ही हमारा पहला मिशन था। इसमें जबरदस्त कामयाबी मिली है। कई बार हमारे रोबोट टनल्स के काफी अंदर तक गए और वहां की पूरी मैपिंग हमें भेजते रहे। बाकी काम फोर्स ने किया। इस अफसर ने कहा- इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती, क्योंकि ऑपरेशन अभी चल रहा है।