गेहूं के उत्पादन में एमएसपी 9 साल के सबसे बड़े स्तर पर
2014 में जब केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई थी तब से लेकर 2023 तक 9 सालों में किसानों के हित में कई बड़ी योजनाएं और महत्वपूर्ण कदम सरकार द्वारा लिए गए हैं। दो दिन पहले भी किसानों के हित में एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है जिसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा असर होने जा रहा है। भारत एक कृषि प्रधान देश है। पिछले 9 साल के अंतराल में देश के इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हुआ है कि गेहूं की एमएसपी 7.6% बढ़ा दी गई है। अब वर्ष 2024-25 में रबी सीजन के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 हो गया है। वर्ष 2014 के बाद यह गेहूं के उत्पादन में एवं विक्रय के अनुसार सबसे बड़ा परिवर्तन है। वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश में गेहूं उत्पादन के क्षेत्र में ऐतिहासिक वृद्धि के साथ-साथ अब किसानों को समर्थन मूल्य का बड़ा लाभ मिलने जा रहा है ।
गेहूं उत्पादन में मध्यप्रदेश पहले नंबर पर। कृषि अवार्ड में नंबर - 1
मध्य प्रदेश लगातार 7 बार कृषि कर्मण अवॉर्ड हासिल कर चुका है। वर्ष 2021 में जब महामारी देश में तेजी से फैल रही थी तब पंजाब को पीछे छोड़कर मध्य प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर गेहूं उत्पादन में मध्य प्रदेश रहा।
गेहूं उत्पादन के क्षेत्र में एमपी ने राष्ट्रीय स्तर पर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इस बार एमपी ने 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उत्पान कर देश में एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। एमपी सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि अभी तक देश में सर्वाधिक गेहूं उत्पादन का ये रिकॉर्ड है। आज तक किसी भी राज्य ने 1,29, 28000 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद नहीं की है। साथ ही उन्होंने कहा कि 97 फीसदी गेहूं को खरीदी के बाद गोदामों में पहुंचा दिए गए हैं।
एमएसपी में तेज वृद्धि केंद्र के अगले फसल सीजन में अपने घटते गेहूं भंडार को आक्रामक रूप से बढ़ाने के इरादे का भी संकेत देती है ताकि एक महत्वपूर्ण चुनावी वर्ष के दौरान किसी भी मूल्य वृद्धि को रोका जा सके। किसानों को अधिक आकर्षक कीमतों की पेशकश और कुल फसल उत्पादन में गिरावट के कारण केंद्र की वार्षिक गेहूं खरीद पिछले दो सत्रों में लक्ष्य से नीचे गिर रही है। इस कारण देश भर में विशेष रूप से मध्य प्रदेश में पिछले वर्ष 2020 एवं 21 के बाद 2022-23 में गेहूं उत्पादन एवं विक्रय में बड़ा परिवर्तन दिखाई दिया था ।
केंद्र सरकार के इस कदम से देश के विभिन्न राज्यों में विशेष रूप से मध्य प्रदेश में जो गेहूं उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र बनकर सामने आया है, किसानों के हित में लाभकारी कदम साबित होगा ।
2014 के बाद से सबसे अधिक वृद्धि
केंद्र ने चुनाव से पहले गेहूं के एमएसपी में 7% की बढ़ोतरी की, जो 2014 के बाद से सबसे अधिक वृद्धि है। जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं वहां केंद्र ने बुधवार को 2024-25 रबी विपणन सीजन के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 150 रुपये प्रति क्विंटल या 7.06 प्रतिशत बढ़ाकर 2,275 रुपये कर दिया, जो अप्रैल से शुरू होगा। 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से गेहूं के एमएसपी में यह सबसे अधिक वृद्धि है। गेहूं, चावल के बाद भारत में सबसे पसंदीदा भोजन है एवं देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गरीबों के बीच निशुल्क भोजन के रूप में इसका बड़ा योगदान है ।
यह निर्णय मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले आया है, जो शीर्ष गेहूं उत्पादक राज्यों में से हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस मध्य प्रदेश और राजस्थान में कड़ी टक्कर में हैं, जहां क्रमशः 17 नवंबर और 23 नवंबर को मतदान होगा।