बस्ती । सोमवार को कबीर साहित्य एवं सेवा संस्थान के अध्यक्ष मो. सामईन फारूकी के संयोजन में प्रेस क्लब में कार्यक्रम आयोजित कर 1965 के युद्ध में पाकिस्तान के दांत खट्टे कर देने वाले परमवीर चक्र से सम्मानित वीर अब्दुल हमीद को उनके पुण्य तिथि पर याद किया गया।
मुख्य अतिथि कांग्रेस जिलाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ‘ज्ञानू’ ने कहा कि  वीर अब्दुल हमीद ने अपनी ‘गन माउनटेड जीप’ से सात, पाकिस्तानी पैटन टैंकों को नष्ट कर भारतीय सैन्य इतिहास में एक मील का पत्थर खड़ा किया। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा। हमें ऐसे वीर जवानों की स्मृतियों को संजोये रखना होगा।
विशिष्ट अतिथि ओम प्रकाश चौधरी, मो. रफीक खां, बी.के.. मिश्र, ताजीर बस्तवी, असद बस्तवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के धामूपुर गाँव में 1 जुलाई 1933 में  जन्मे वीर अब्दुल हमीद का योगदान सदैव याद किया जायेगा। भारतीय सैनिकों के पास न तो टैंक थे और न तो बड़े हथियार लेकिन उनके पास था भारत माता की रक्षा के लिए लड़ते हुए मर जाने का हौसला था। ऐसे बलिदानियों के कारण ही हम सुरक्षित है। संचालन करते हुये वरिष्ठ साहित्यकार डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने कहा कि जब-जब बीरता की चर्चा होगी बीर अब्दुल हमीद सदैव याद किये जायेंगे।
अध्यक्षता करते हुये साहित्यकार त्रिभुवन प्रसाद मिश्र ने कहा कि वीर अब्दुल हमीद ने सिद्ध कर दिया कि यदि इच्छा शक्ति हो तो कुछ भी असंभव नहीं है।
पुण्य तिथि पर अमर बलिदानी वीर अब्दुल हमीद को नमन् करने वालों में डा. वाहिद अली सिद्दीकी, दीपक सिंह ‘प्रेमी, मो. कैफ, आर.एन. सिंह, मेहीलाल एडवोकेट, दशरथ प्रसाद यादव, अजमत अली सिद्दीकी, अफजल हुसेन ‘अफजल, अरूण कुमार यादव, अरूणेन्द्र पटेल, उदयभान  चौधरी, मकसूद अहमद आदि शामिल रहे।