वनडे विश्व कप में भारतीय टीम का अब तक का सफर शानदार रहा है और उसने अपने सभी पांचों मैच जीत हैं। टीम की जीत में हर खिलाड़ी अपने स्तर पर योगदान दे रहा है। रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम इस टूर्नामेंट में एकजुट दिख रही है और सभी एक दूसरे की सफलता का जश्न मनाते दिखे हैं।

भारतीय टीम के प्रदर्शन के पीछे यह भी एक बड़ा कारण है क्योंकि ड्रेसिंग रूम के सकारात्मक माहौल का खिलाडि़यों को प्रभावित करता है। यह विश्व कप की अंक तालिका में नजर भी आ रहा है और टीम शीर्ष पर मौजूद है। भारतीय टीम के खिलाड़ी वर्ष में अधिकतर समय साथ ही रहते हैं क्योंकि टीम विभिन्न दौरे पर या टूर्नामेंट में खेलने जाती है।

एकजुटता ने खींचा ध्‍यान

भारत का कार्यक्रम वैसे भी काफी व्यस्त रहता है और ये खिलाड़ी अपने परिवार से ज्यादा एक दूसरे के साथ समय बिताते हैं। 15 सदस्यीय टीम में वो खिलाड़ी शामिल होते हैं जो अपने कौशल के दम पर टीम में स्थान सुनिश्चित करते हैं, लेकिन मौजूदा विश्व कप में टीम के सदस्य जिस तरह एक दूसरे का साथ देते दिख रहे हैं उसने सभी का ध्यान खींचा है।

टीम संयोजन को देखते हुए कई बार कुछ खिलाडि़यों को बेहतर प्रदर्शन करने के बाद भी एकादश में अवसर नहीं मिल पाता, इसके बावजूद खिलाड़ी एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे। सफेद गेंद के खेल में मोहम्मद सिराज बेहतर गेंदबाज के तौर पर उभरे हैं जिस कारण वह जसप्रीत बुमराह के बाद दूसरे प्राथमिक तेज गेंदबाज के रूप में देखे जाने लगे हैं और मोहम्मद शमी इस दौड़ में पीछे हो गए हैं।

शमी बेहतर प्रदर्शन के बावजूद बेफिक्र

इसके बावजूद ये खिलाड़ी एक दूसरे की सफलता का जश्न मना रहे हैं। शमी इस बात से पूरी तरह परिचित हैं कि मौजूदा विश्व कप के अपने पहले ही मैच में पांच विकेट लेने के बावजूद उन्हें अगले मैच में बाहर बैठना पड़ सकता है, लेकिन वह इस बात से बेफिक्र हैं। शमी न्यूजीलैंड के विरुद्ध मैच से पहले बाहर बैठे थे जो उनके लिए दर्दभरा रहा होगा, लेकिन भारत को नतीजे मिल रहे थे।

टीम ने एशिया कप जीता, घरेलू मैदान पर आस्ट्रेलिया के विरुद्ध सीरीज जीती और अब विश्व कप में अजेय चल रही है। मोहम्‍मद शमी ने हाल ही में कहा था, 'जहां तक एकजुटता की बात है तो गेंदबाजी इकाई के तौर पर अन्य गेंदबाजों का साथ देना हमेशा महत्वपूर्ण होता है। यदि आप दूसरे की सफलता का आनंद लेंगे तो आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे।'

कोहली का शतक भी इस बात का प्रमाण

इन सभी का लक्ष्य चार वर्ष में एक बार होने वाले वनडे विश्व कप जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट के लिए सकारात्मक रहना है। ऐसा ही कुछ बल्लेबाजी में भी देखने को मिला जब केएल राहुल आस्ट्रेलिया के विरुद्ध शतक से चूक गए थे, लेकिन उन्होंने बांग्लादेश के विरुद्ध यह सुनिश्चित किया कि कोहली अपना शतक पूरा करें। इसके बाद न्यूजीलैंड के विरुद्ध रवींद्र जडेजा ने भी कोहली को स्ट्राइक दी जिससे वह एक और शतक जड़ सकें।

हालांकि, उस मैच में विराट कोहली पांच रन से ऐसा करने से चूक गए थे। यह सभी चीजें दिखा रही हैं कि भारतीय खिलाड़ी हर स्थिति में एक दूसरे के साथ खड़े हैं और यही बात उन्हें अजेय, निडर तथा विश्व कप जीतने के लिए एक प्रबल दावेदार बनाती है।