पंजाब में होने जा रहे लोकसभा चुनावों में इस बार पांच सीटें ऐसी हैं, जहां बसपा व निर्दलीय की एंट्री से बहुकोणीय मुकाबला बन गया है। इससे इन सीटों से उतरे कई राजनीतिक दिग्गज कांटे की टक्कर में फंसने से उनकी किस्मत दांव पर लगी है। इन दिग्गजों में पूर्व सीएम चरनजीत सिंह चन्नी, पूर्व केंद्रीय मंत्री व पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल, पंजाब के तीन कैबिनेट मंत्रियों गुरमीत सिंह मीत हेयर, लालजीत सिंह भुल्लर व गुरमीत सिंह खुडि़्डयां के अलावा पूर्व मंत्री विजयइंदर सिंगला, बसपा के पंजाब इकाई के प्रमुख जसवीर सिंह गढ़ी, पूर्व विधायक जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू व पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा भी शामिल हैं। पंचकोणीय मुकाबले वाली सीटों में सीएम भगवंत मान का अपना हलका संगरूर, जालंधर, पंथक माने जाने वाली खडूर साहिब की सीट के अलावा आनंदपुर साहिब व बठिंडा जैसी हॉट सीटें हैं।

संगरूर: कैबिनेट मंत्री की साख दांव पर
सबसे पहले संगरूर सीट की बात करें, तो यहां से सत्तारूढ़ आप पार्टी ने अपने ही कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस से मौजूदा विधायक सुखपाल सिंह खैरा, शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) की तरफ से मौजूदा सांसद सिमरनजीत सिंह मान, अकाली दल की ओर से पूर्व विधायक इकबाल झूंदा व वहीं भाजपा ने पूर्व विधायक अरविंद खन्ना को टिकट दी है।  याद रहे कि मान के सीएम बनने के बाद संगरूर सीट पर हुए उपचुनाव में मान ने आप के प्रत्याशी गुरमेल सिंह को ही पटखनी दे दी थी। इसके चलते मान एक मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। इससे खास तौर से कैबिनेट मंत्री मीत हेयर की साख दांव पर लगी है।

खडूर साहिब: कट्टरपंथी बिगाड़ सकते हैं गणित
खडूर साहिब जैसी पंथक सीट पर आजाद तौर पर अमृतपाल सिंह की एंट्री ने यहां से मुकाबले को एक अलग ही स्तर तक पहुंचा दिया है। अमृतपाल सिंह को मान दल ने भी समर्थन दे दिया है। वहीं, यहां से आप के मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर, कांग्रेस के पूर्व विधायक कुलबीर सिंह जीरा, अकाली दल से विरसा सिंह वल्टोहा और भाजपा की ओर से मनजीत सिंह मन्ना मैदान में हैं। एनएसए के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के साथ इलाके के लोगों की सहानुभूति है, जिसका उसे आने वाले चुनावों में फायदा मिव सकता है।

जालंधर: रिजर्व सीट पर होगी कांटे की टक्कर
जालंधर हलके से कांग्रेस की ओर से पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, अकाली दल की ओर से पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी, भाजपा की तरफ से मौजूदा सांसद सुशील कुमार रिंकू, आप की तरफ से पवन कुमार टीनू, बसपा की ओर से बलविंदर कुमार को टिकटें दी गई हैं। जालंधर एक रिजर्व सीट है और यहां एससी वोट काफी है। इसका बसपा के उम्मीदवार को फायदा मिल सकता है। इसके चलते यहां कांटे का पंच कोणीय मुकाबला बना है।

आनंदपुर साहिब : गढ़ी के आने से बदले समीकरण
आनंदपुर साहिब सीट की बात करें, तो यहां से बसपा की पंजाब इकाई के प्रमुख जसवीर सिंह गढ़ी ही मैदान में उतरे हैं। दूसरी तरफ से कांग्रेस के पूर्व मंत्री विजयइंदर सिंगला, भाजपा से डाॅ. सुभाष शर्मा, आप के मालविंदर सिंह कंग, अकाली दल से पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ताल ठोक रहे हैं। पंजाब की राजनीति में गढ़ी एक बड़ा चेहरा माने जाते हैं। उनकी एंट्री से आनंदपुर साहिब सीट से मुकाबला काफी कड़ा हो गया है।
बठिंडा:  सोशल एक्टिविस्ट लक्खा सिधाना देंगे कड़ी चुनाैती
पंजाब की हाॅट सीट बठिंडा से मान दल ने सोशल एक्टिविस्ट लक्खा सिधाना को मैदान में उतार कर विरोधियों के लिए कड़ी चुनौती दे दी है। यहां से अकाली दल की मौजूदा सांसद हरसिमरत कौर बादल, भाजपा से परमपाल कौर, कांग्रेस से जीत मोहिंदर सिंह व आप से गुरमीत सिंह खुड्डियां चुनावी अखाड़े में उतरे हैं। लक्खा सिधाना दिल्ली के बाॅर्डर पर चले किसानी आंदोलन में काफी सक्रिय रहे थे। इससे उन्होंने काफी सुर्खियां भी बटोरी थीं।