राजधानी की सड़कों पर वाहनों के बढ़ते दबाव के कारण यातायात जाम का इसे असर कहें या फिर दिल्ली मेट्रो पर लोगों का बढ़ता भरोसा लेकिन एक बात सच है कि एनसीआर को सार्वजनिक परिवहन की सुगम सुविधा उपलब्ध कराने वाली दिल्ली मेट्रो में पिछले छह माह से यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

इससे मेट्रो यात्रियों के सफर (पैसेंजर जर्नी) के मामले में हर माह नए कीर्तिमान गढ़ रही है। इस वजह से कोरोना से पहले के सारे रिकॉर्ड भी ध्वस्त हो गए हैं। स्थिति यह है कि कोरोना से पहले के मुकाबले दिल्ली मेट्रो में यात्रियों की संख्या 12.54 प्रतिशत बढ़ गई है। पिछले माह अगस्त में मेट्रो में प्रतिदिन सर्वाधिक यात्रियों ने सफर किया।

कोरोना से पहले मेट्रो में प्रतिदिन औसतन करीब 46.22 लाख से 53.46 लाख यात्राएं लोग करते थे। वर्ष 2019 में मार्च से अगस्त के बीच सिर्फ दो माह जुलाई और अगस्त में यात्रियों द्वारा किए गए सफर की संख्या 50 लाख से अधिक थी।

कोरोना के दौर में लंबे समय तक मेट्रो का परिचालन बंद रहा था। बाद में परिचालन शुरू होने पर कई प्रतिबंधों के कारण मेट्रो में यात्रियों की संख्या काफी घट गई थी। इस वजह से दिल्ली मेट्रो को परिचालन से वित्त वर्ष 2020-21 में करीब तीन हजार 20 करोड़ और 2021-22 में वर्ष 2019-20 की तुलना में 1921 करोड़ का नुकसान हुआ।

यात्रियों ने हर महीने की 50 लाख से अधिक यात्राएं

वर्ष 2022 में मेट्रो में यात्रियों की संख्या बढ़ी, लेकिन कोरोना से पहले की तुलना में कम रही। वहीं इस वर्ष मार्च से ही मेट्रो में यात्रियों की संख्या कोरोना से पहले की तुलना में अधिक रही। साथ ही हर महीने 50 लाख से अधिक यात्राएं यात्रियों ने की।

अगस्त में प्रतिदिन औसतन 59 लाख चार हजार 397 यात्राएं यात्रियों ने की जो अब तक सर्वाधिक है। इस दौरान ही मेट्रो में एक दिन में सर्वाधिक यात्रियों के सफर का रिकॉर्ड बना, जो बाद में चार सितंबर को फिर टूट गया।

मेट्रो में यात्रियों की संख्या बढ़ने से दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) उत्साहित है। डीएमआरसी के अधिकारी कहते हैं कि व्यस्त समय में सड़क पर यातायात जाम की समस्या के कारण 12-13 किलोमीटर का वाहन से सफर तय करने में भी कई बार एक घंटे तक समय लग जाता है।

इस वजह से लोग अपनी गाड़ी छोड़कर भी मेट्रो में सफर करना पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा अगस्त में त्योहार के कारण हमेशा अधिक यात्री मेट्रो में सफर करते हैं।