बरेली । दीपावली से पहले रेलवे बोर्ड ने अपने कर्मचारियों के कैशलैस इलाज कराने पर रोक लगा दी है। जिससे रेलकर्मी और सेवानिवृत्त कर्मियों में निराशा है। पीआरएसएस के पदाधिकारियों ने आक्रोश जताया है। रेलवे बोर्ड ने कोरोना काल में यह सुविधा 2 साल पहले शुरू की थी। जिससे रेलवे अस्पताल से बिना रेफर कराए निजी अस्पताल में उम्मीद कार्ड दिखाकर कैशलैस इलाज कराया जा सकता था।
रेलवे बोर्ड के प्रिंसिपल एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर हेल्थ डॉ एके मल्होत्रा ने पिछले सप्ताह सभी रेलवे के महाप्रबंधक को पत्र से योजना को बंद करने का आदेश दिया था। इस आदेश को इज्जतनगर रेल मंडल में लागू कर दिया है। पीआरएसएस के कारखाना मंडल सचिव जेएस भदौरिया ने कहा कि इस सुविधा से कर्मचारी आपातकाल में रेलवे से अनुबंधित प्राइवेट अस्पताल में कैशलैस इलाज ले सकते थे। रेलवे के इस आदेश से रेल कर्मचारियों को पहले इलाज के लिए किसी रेलवे अस्पताल में भर्ती होना पड़ेगा।
इस आदेश से इज्जतनगर मंडल और कारखाना के करीब 20 हजार रेल एवं और सेवानिवृत कर्मचारी प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि पहले ही रेलवे अस्पतालों को लैब, सीटी स्कैन, एमआरआई विशेषज्ञ डॉक्टरों स्थायी, फार्मासिस्टों, नर्सों, स्थाई एंबुलेंस सेवा से धीरे- धीरे वंचित किया गया है। इज्जतनगर मंडल के पीआरओ राजेंद्र सिंह ने बताया कि यह रेलवे बोर्ड का आदेश है, जो सभी जोन और मंडलों के साथ इज्जतनगर में भी लागू हुआ है।