सिंधिया के गढ़ में टिकट के लिए घमासान
ग्वालियर । केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर चंबल में नई भाजपा और पुरानी भाजपा के अलग-अलग दावेदार हैं। भाजपा में टिकटों के लिए सिंधिया समर्थक और पुराने भाजपाइयों के बीच घमासान मचेगा। सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए लोग टिकट के लिए तगड़े दावेदार हैं, तो वहीं पुराने भाजपाई भी टिकट की दौड़ में लगे हैं। ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट पर कांग्रेस के सतीश सिकरवार एमएलए हैं।
इस सीट पर भाजपा के सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल सबसे बड़े दावेदार हैं। इसी सीट पर पुराने भाजपाई जय सिंह कुशवाहा, माया सिंह, अनूप मिश्रा की दावेदारी भी सामने आ रही है। ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रवीण पाठक एमएलए हैं। इस सीट से पुराने भाजपाई पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा, जय भान सिंह पवैया, अनूप मिश्रा, प्रियांशु शेजवलकर, अभय चौधरी बड़े दावेदार हैं। वहीं, नई भाजपा यानी सिंधिया समर्थक मदन कुशवाहा टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं।
इसके साथ ही पूर्व मेयर समीक्षा गुप्ता और पूर्व जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी भी सिंधिया के सहारे टिकट की दौड़ में बने हुए हैं। ग्वालियर विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रद्युम्न सिंह सिंह तोमर एमएलए हैं। इस सीट पर तोमर टिकट के सबसे बड़े दावेदार हैं। इसी सीट पर पुराने भाजपाई जयभान सिंह पवैया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर की अंदरूनी दावेदारी चल रही है।
इन तीनों सीटों पर टिकट के लिए भाजपा के अलग-अलग नेताओं की दावेदारी पर कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस का दावा है कि भाजपा में इन सीटों पर गुटबाजी साफ तौर पर सामने आ रही है। भाजपा की गुटबाजी का लाभ कांग्रेस को मिलेगा। विधानसभा चुनाव में ग्वालियर की सभी 3 सीटों पर कांग्रेस जीत दर्ज करेगी। उधर, इस दावेदारी को लेकर भाजपा का कहना है कि पार्टी में हर सीट पर चुनाव लडऩे वाले दमदार नेताओं की फौज है। यही वजह है कि टिकट के लिए एक से ज्यादा दावेदार सामने आ रहे हैं। भाजपा का कहना है कि टिकट के लिए दावेदारी करना सभी का हक है, लेकिन टिकट किसको मिलेगा यह आलाकमान ही तय करता है।