नई दिल्ली । चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में विश्व विख्यात चांदनी चौक मार्केट के साथ ही सदर बाजार, खारी बावली, कमला नगर मार्केटों में बड़े-बड़े राजनीतिक प्रतिष्ठान हैं, जो देश भर के दूसरे राज्यों का भी व्यापार बढ़ा रहे हैं। यहां से बिकने वाले ड्राई फ्रूट हों या फिर सदर बाजार में बिकने वाले खिलौने, सीजन के त्योहारों की वस्तुएं हों, यह सभी वस्तुएं उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे इलाकों में जाती हैं। दूसरे राज्यों के व्यापार का एक बड़ा हिस्सा दिल्ली के चांदनी चौक और सदर बाजार पर निर्भर है। ऐसे में, इस लोकसभा क्षेत्र के राष्ट्रीय मुद्दों में वस्तु एवं सेवा कर को लागू करने पर आने वाली परेशानी, केंद्र की योजनाओं का क्रियान्वयन न होना साथ ही प्रदूषित यमुना प्रमुख मुद्दा है। राज्यस्तर की समस्याओं में कारोबारियों की परेशानी से लेकर पर्यावरण का बुरा हाल और शाहजहांबाद इलाके का पुनर्विकास के मुद्दे शामिल हैं। क्षेत्रीय मुद्दों में पार्किंग की समस्या, कालोनियों का नियमतीकरण और गंदगी जैसी समस्याएं प्रमुख तौर से शामिल हैं। बीते पांच वर्ष में इनमें कुछ मुद्दे समाधान की राह पर आगे बढ़े जरूर, लेकिन मंजिल तक नहीं पहुंच सके। ऐसे में, अब 18वीं लोकसभा के लिए होने वाले चुनाव में राजधानी के मतदाता ऐसे जनप्रतिनिधि को चुनना चाहेंगे, जो इन समस्याओं का समाधान खोजकर व्यापार को सुगम बनाने की उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सकें। जो योजना केंद्र बनाती है, उसका देश के दूर दराज के इलाकों में क्रियान्वयन करना होता है, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में राजनीतिक टकराव के कारण कई केंद्रीय योजनाएं लागू नहीं हो पा रही हैं। केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना, पीएम आवास योजना, किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं शुरू की हैं। दिल्ली के लोगों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। दिल्ली सरकार ने 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आयुष्मान भारत योजना लागू करने की बात तो कही थी, लेकिन चार वर्ष बीतने को हैं पर अभी तक यह योजना लागू नहीं हो पाई है। इसे लेकर राजनीतिक दलों के अपने-अपने तर्क हैं, लेकिन वास्तव में इस समस्या की मूल वजह केंद्र और राज्य सरकार के बीच का टकराव है। पीएम आवास योजना के तहत सस्ते मकान उपलब्ध कराए जाने थे।