पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय में छात्रों के लगातार अनशन से मामला गरमा गया है। छात्रों के आंदोलन के मद्देनजर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार आशीष अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह बात आज विश्व भारती के जनसंपर्क अधिकारी अतिग घोष ने कही।विश्व भारती में लगातार 17 दिनों से लगातार आंदोलन चल रहा है। पहले तो छात्रों ने आंदोलन शुरू होने के दिन से चार दिन तक विश्वभारती के केंद्रीय कार्यालय को घेर कर रखा था। बाद में हाई कोर्ट के आदेश के बाद रजिस्ट्रार आशीष अग्रवाल को बंधक मुक्त किया था। बाद में आशीष अग्रवाल कल दोपहर बांग्लादेश भवन आकर बैठक कर रहे थे। उस समय उनका घेराव किया गया था। बाद में उन्होंने रजिस्ट्रार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

इस बीच विश्व भारती विश्वविद्यालय ने छात्रों की मांगों के मद्देनजर नोटिस वापस लिया। इस बीच, नोटिस के विरोध में सोमवार को दो छात्र भूख हड़ताल पर चले गए हैं और आंदोलन तेज हो गया है। अंततः विश्वभारती अधिकारियों ने निर्णय को उलट दिया। उन्होंने कहा कि नोटिस वापस ले लिया गया है। दो छात्रों के 20 घंटे की लंबी भूख हड़ताल के बाद विश्व भारती अधिकारियों ने नोटिस वापस लेने का फैसला किया है। इसमें छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई थी। दूसरी ओर, प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में भी हॉस्टल खोलने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है।

यह नोटिस का छात्रों ने विरोध किया और आंदोलन तेज कर दिया। सोमनाथ साव नाम के एक छात्र ने दावा किया कि नोटिस एक छात्र विरोधी नोटिस था और वह भूख हड़ताल पर चले गए। उनके साथ एक अन्य भी थे। फिर मंगलवार सुबह विश्वभारती की ओर से एक और नोटिस आया। इसमें कहा कि विफलता का नोटिस वापस ले लिया गया है। एक नई अधिसूचना जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि अगर कोई परीक्षा में फेल होता है तो कोई भी फेल नहीं होगा। विश्वभारती के छात्रों ने छात्रावास खोलने, ऑनलाइन परीक्षा और हायर सेकेंडरी व सेकेंडरी परीक्षाओं की तिथि में बदलाव की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों से आंदोलन शुरू कर दिया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय में भी एक मामला लंबित है।