जेएनयू में स्क्रीनिंग से पहले जामिया में हंगामा..
दिल्ली | विवादित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के मंगलवार को जेएनयू में स्क्रीनिंग को लेकर हुए बवाल के बाद अब बुधवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में इसके स्क्रीनिंग की योजना बनाई गई। लेकिन स्क्रीनिंग से पहले ही छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। विश्वविद्यालय के बाहर नारेबाजी कर रहे प्रदर्शनकारियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है।जामिया में आज शाम 6.00 बजे के बाद बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग होनी थी। हालांकि आज दिन में ही जामिया के गेट नंबर आठ से पुलिस ने इस मामले में चार छात्रों को हिरासत में ले लिया है। इसके बाद से ही छात्र विश्वविद्यालय कैंपस में हंगामा कर रहे हैं।इसके चलते शाम को स्क्रीनिंग पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं।
कुछ छात्रों का कहना है कि शाम तक ही फाइनल हो पाएगा कि स्क्रीनिंग होगी या नहीं।डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के मुद्दे पर जामिया प्रशासन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि बिना अनुमति के कैंपस में छात्रों की कोई बैठक या किसी भी फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं होगी। विश्वविद्यालय हर वो कदम उठा रहा है जिससे कैंपस की शांति भंग न हो।जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में विश्वविद्यालय प्रशासन की रोक के बाद भी मंगलवार देर शाम वामपंथी छात्रों के एक गुट ने मोबाइल पर सरकार द्वारा प्रतिबंधित ''इंडिया: द मोदी क्वेश्चन'' की स्क्रीनिंग देखी।
छात्रों ने रात नौ बजे स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर के लॉन में स्क्रीनिंग देखने की कॉल दी थी।इससे पहले 7.30 बजे अचानक तकनीकी खामी के कारण पूरे कैंपस की बिजली चली गयी।छात्रों ने नौ बजे मोबाइल पर एक-दूसरे को उक्त सीरीज का लिंक साझा करते हुए मोबाइल टार्च की रोशनी में लैपटाप पर सीरीज देखी। छात्रों का आरोप है कि सीरीज देखने के दौरान अंधेरे में उन पर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने चेहरा ढंककर पथराव भी किया।
इनमें से दो छात्रों को पकड़ लिया गया।वहीं, जेएनयू प्रशासन के नोटिस पर छात्रों ने तीन सवाल पूछते हुए जवाब लिखा कि वे जानना चाहते थे कि आखिर इस सीरीज में ऐसा क्या था, जिसके कारण सरकार को इसे प्रतिबंधित करना पड़ा। इस दौरान सूचना पर पुलिस भी कैंपस में पहुंची। इससे नाराज छात्रों ने कैंपस से वसंत कुंज तक विरोध मार्च निकाला।