किसान संगठनों ने सरकार से गेहूं और अन्य कृषि वस्तुओं पर निर्यात प्रतिबंध हटाने का सुझाव दिया। कहा कि सरकार को पाम तेल के बजाय सोयाबीन, सरसों, मूंगफली व सूरजमुखी जैसे स्थानीय तिलहनों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर उच्च कर लगाया जाना चाहिए।सरकार 2023-24 के आम बजट में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम लागत वाले उत्पादों के आयात पर रोक लगा सकती है। बजट पूर्व बैठकों के दूसरे दिन मंगलवार को किसान संगठनों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर एमएसपी से कम लागत वाले उत्पादों के आयात पर रोक लगाने का सुझाव दिया।

इस दौरान संगठनों ने सरकार से गेहूं और अन्य कृषि वस्तुओं पर निर्यात प्रतिबंध हटाने का सुझाव दिया। कहा, सरकार को पाम तेल के बजाय सोयाबीन, सरसों, मूंगफली व सूरजमुखी जैसे स्थानीय तिलहनों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर उच्च कर लगाया जाना चाहिए।भारत कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने कहा, कृषि क्षेत्र में मानव संसाधन विकास और किसानों की कमाई बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। वहीं, कंसोर्टियम ऑफ इंडियन फार्मर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रघुनाथ दादा पाटिल ने कहा, गेहूं व टूटे चावल जैसे कृषि उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध के कारण किसानों की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय का आवंटन 18 फीसदी बढ़ाकर 1।60 लाख करोड़ रुपये कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। 2022-23 में तमाम योजनाओं के लिए 1।36 लाख करोड़ का आवंटन किया गया था। हालांकि, ग्रामीण इलाकों में तनाव बढ़ने से मनरेगा की मांग में तेजी आई है। अतिरिक्त रकम का उपयोग रोजगार बढ़ाने और सस्ते घरों की योजना को रफ्तार देने पर होगा। अतिरिक्त फंड के लिए सरकार शीतकालीन सत्र में मंजूरी मांग सकती है।